Thursday, September 24

अमोनिकम डोरेमा/गम-अमोनिक | Amonicum dorema gum ammonic

 होम्योपैथिक उपचार
अमोनिकम डोरेमा/गम-अमोनिक
परिचय-
अमोनिकम डोरेमा औषधि कमजोर व्यक्तियों तथा बूढ़े व्यक्तियों के लिये लाभदायक है। जब रोगी को अधिक ठण्ड महसूस होती है तथा उसके दिमाग की स्थिति गड़बड़ा गई हो, गर्दन तथा ग्रासनली (भोजननली) में जलन और खुरचन सी महसूस होती है तो ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए अमोनिकम डोरेमा औषधि का प्रयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है। पुरानी खांसी (क्रोनिक ब्रोंकाइटिस) के रोग को ठीक करने में यह औषधि लाभदायक है।
अमोनिकम डोरेमा औषधि निम्नलिखित लक्षणों के रोगियों के रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं-
फेफड़ें से सम्बन्धित लक्षण
फेफड़े से बहुत ज्यादा मात्रा में पीब जैसा बलगम जमा हो गया हो लेकिन खांसने पर थोड़ी मात्रा में बलगम निकल रहा हो तथा रोगी खांसने के कारण सो भी नहीं पाता है। दमा रोग में खांसी कभी ढीली, कभी गाढ़ी गोंद जैसी बलगम के रूप में होता है, रोगी बलगम को बार-बार बाहर निकालने की कोशिश करता है लेकिन बाहर नहीं निकाल पाता। ऐसे रोगी का उपचार करने के लिए अमोनिकम डोरेमा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
सिर से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को नजला हो जाता है तथा इसके साथ उसका नाक बंद हो जाता है जिसके कारण रोगी के सिर में दर्द भी होता है, ऐसे रोगी का उपचार अमोनिकम डोरेमा औषधि से करना चाहिए।
आंखों से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को आंख से धुंधलापन नज़र आता है, आंखों के आगे तारे और चिनगारियां तैरती हुई नज़र आती हैं तथा पढ़ते समय अधिक थकान महसूस होती है। ऐसे रोगी का उपचार अमोनिकम डोरेमा औषधि से करना उचित होता है।
गले से सम्बन्धित लक्षण
रोगी का गला सूखा सा रहता है, जब रोगी सांस लेता है तो ताजी हवा नाक के द्वारा शरीर के अन्दर जाने से रोग के लक्षणों में अधिक वृद्धि होती है। रोगी को ऐसा महसूस होता है कि उसका गला भरा हुआ है और उसमें जलन तथा छिलन हो गया है। खाना खाने के बाद रोगी को लगता है कि जैसे कोई चीज गले में अटकी हुई है, जिसे निगलने की वह लगातार कोशिश करता है। ऐसे रोगी का उपचार अमोनिकम डोरेमा औषधि से करना लाभदायक होता है।
श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण
रोगी को सांस लेने में बहुत अधिक परेशानी होती है तथा ठण्ड के समय में परेशानियां और भी बढ़ जाती है। नाक से गाढ़ा चिपचिपा और कठोर बलगम निकलता है। ऐसे रोगी का उपचार अमोनिकम डोरेमा औषधि से करना चाहिए, जिसके फलस्वरूप रोग ठीक हो जाता है और रोगी को अधिक आराम मिलता है।
हृदय से सम्बंधित लक्षण
रोगी में नजला रोग होने के साथ हृदय की धड़कन तेज हो जाती है तथा धड़कन का असर पेट के अन्दरुनी भाग तक फैल जाती है, बूढ़े व्यक्तियों के छाती में घड़घड़ाहट होती है। इस प्रकार के लक्षणों को दूर करने के लिए अमोनिकम डोरेमा औषधि बहुत ही उपयोगी है।
सम्बन्ध-
अमोनिकम डोरेमा औषधि के कुछ गुणों की तुलना ब्रायो, आर्निका औषधि से कर सकते हैं। सेनेगा, टाटार-इमेंटि, बालसम पेरु औषधि से भी इसकी तुलना कर सकते है।
मात्रा-
अमोनिकम डोरेमा औषधि की तीसरी शक्ति का विचूर्ण (थर्ड ट्रीटुरेशन) का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए करना चाहिए।
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